Sunday, 27 March 2016

BALMELA 2016

जिस चीज को पाने के लिए मैंने और बाल मेला टीम ने 363 दिन मेहनत किय है। वो दिन कल था।
हजारो चेहरे जब एक साथ मुस्कुराते है तो सच में बहुत अच्छा लगता है।ऐसा लगता है मानो दुनिया के सारे फूल यहीं खिले है।
शायद मैंने जी जान लगा दिया था। क्यों की मेरा सपना उन बच्चो को मुकाम देना है। जिन्हें जरुरत है।
इस बाल मेला ने मुझे बहुत कुछ सिखया है।
मेरा साथ देने के लिय और मेरी सोच को भारत के करोडो लोगो तक पहुँचाने के लिय मै मुकेश,सचिन,चन्दन साह,सतीश कुमार,पंकज कुमार,अमित जान्घु,वंदना कुमारी,अमन खान,विकास,नितेश,उदित आदित्य कान्त,राहुल कपूर,भिशाख मोहन शर्मा,श्याम सिंह,सुनील कुमार अभय कुमार,हिमांशु कुमार,गुलाब अंसारी,राजेश मोर्या,अमन मुन के अलावा ना जाने कितने ऐसे चेहरे है। जिन्होंने मेरा साथ दिया। मै सभी का धन्यवाद करता हूँ।
लकिन इतना तो पता चला की अगर सोना बनना है तो तपना भी पड़ेगा।
अगर कुछ पाना है तो सपने सजाने भी पड़ेंगे।
अगर कुछ कर दिखाना है तो। भूख प्यास सब भूल कर अपने लक्ष्य की प्राप्ति की ओर भी बढ़ना पड़ेगा।
गुलाब को पाने के लिय काँटों से गुजर के जाना पड़ता है। ए भी मैंने सिखा।
लकिन अफ़सोस इस बात का है। जिन लोगो ने हमारी value नही समझी। उन्हें पछतावा तो जरुर हो रहा होगा।लकिन कोई बात नही यार अगले साल की तैयारी मै तो शुरू कर चूका हूँ ।आशा है की आप हमारा साथ जरुर देंगे।
लाखो का मुस्कान पाने के लिए लाखो की क़ुरबानी तो देनी ही पड़ेगी। क्यों की मुझे मालूम है की आपकी मुसकान इतनी सस्ती नही है।
य मेरी और मेरे टीम की परीक्षा की घड़ी है,हमे आपका साथ चाहिय

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